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Yashasvi Jaiswal: समय के पहिये का घूमना लगा रहता है। ऐसा ही कुछ आईपीएल 2023 के 42वें मैच के दौरान देखा गया। जो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashaswi Jaiswal) की बल्लेबाजी के दौरान देखा गया था। गेंद को जोर से मारना और 53 गेंदों में अपना पहला आईपीएल शतक बनाया।
यह शतक उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण और कीमती था। क्योंकि यह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। बल्कि इस मैदान से उनकी जिंदगी के संघर्षों से भरे दिन भी जुड़े हुए हैं।
वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) ग्राउंड जहां जायसवाल को हर कोई हाथ में बल्ला लेकर सलाम कर रहा है। कभी यशस्वी जायसवाल (Yashaswi Jaiswal) ने बाहर गोलगप्पे बेचकर अपनी जीविका चलाया था। लोग वास्तव में उनकी संघर्ष कथा के प्रति आकर्षित हैं।
Yashasvi Jaiswal ने पूरा किया अपना सपना

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यशस्वी जायसवाल (Yashaswi Jaiswal) ने बल्ले से 92 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर अपनी प्रतिभा और अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरी दुनिया को दिखाया। यशस्वी के लिए इस मुकाम तक पहुंचना उतना आसान नहीं था। जितना बाकी सभी के लिए था।
इस बार उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया। मुझे अच्छा नहीं लगता है, कि जिन लड़कों के साथ मैं क्रिकेट खेलता था। जो सुबह मेरी तारीफ करते थे। वहीं शाम को मेरे पास गोलगप्पे खाने आते थे। लेकिन घर की स्थिति के कारण उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। बता दें कि यशस्वी जायसवाल जब 11 साल के थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले भदोही से मुंबई तक का सफर किया था।