गांगुली अक्टूबर 2019 में बीसीसीाई अध्यक्ष बने थे। क्रिकेट के मैदान के बाद उन्होंने बीसीसीआई में भी अपनी खूब दादागिरी चलाई जिसके चलते कई विवाद हुए। लेकिन अब गांगुली की दादागिरी का अंत होने जा रहा है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आने वाले 18 अक्टूबर को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बीसीसीआई के सभी पदों के लिए चुनाव होने वाले हैं, इसके लिए उम्मीदवारों को 11 और 12 अक्टूबर तक अपना नामांकन दाखिल करना था।
मौजूदा बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने जानकारी दी कि बीसीसीआई अध्यक्ष के लिए अभी तक सिर्फ पूर्व वर्ल्ड कप विजेता टीम के खिलाड़ी रोजर बिन्नी ने ही बीसीसीआई अध्यक्ष के लिए नामांकन किया है।
ऐसे में वह निर्विरोध इस पद के लिए चुने जा सकते हैं। बिन्नी के 36वें अध्यक्ष बनने का अधिकारिक ऐलान 18 अक्टूबर को होगा और इस ऐलान के साथ मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली का भी 3 साल के लंबा कार्यकाल खत्म होगा।
गांगुली अक्टूबर 2019 में बीसीसीाई अध्यक्ष बने थे। क्रिकेट के मैदान के बाद उन्होंने बीसीसीआई में भी अपनी खूब दादागिरी चलाई जिसके चलते कई विवाद हुए।
लेकिन अब बीसीसीआई में भी जल्द ही गांगुली की दादागिरी का अंत होने जा रहा है। आइए जानते हैं गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष रहते किन 3 बड़े विवादों ने सबसे ज्यादा तूल पकड़ी-
हर कोई जानता है कि सौरव गांगुली के रिश्ते पूर्व कोच रवि शास्त्री के साथ अच्छे नहीं रहे है।
शास्त्री ने उस समय बतौर कोच टीम इंडिया की कमान संभाली थी जब कुंबले ने यह पद छोड़ा था। माना जाता है कि तत्कालीन कप्तान विराट कोहली को उस समय कुंबले की कोचिंग रास नहीं आ रही थी जिस वजह से वह शास्त्री को कोच बनाने का दबाव बना रहे थे।
तब गांगुली की बीसीसीाई में इतनी पकड़ नहीं थी। मगर जैसे ही गांगुली की एंट्री बीसीसीआई में हुई तो उन्होंने अपनी दादागिरी दिखाना शुरू कर दी।
गांगुली के आने के बाद शास्त्री ने वर्ल्ड कप 2021 के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और गांगुली यहां राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को ले आए। लक्ष्मण वैसे एनसीए हेड हैं, मगर द्रविड़ की गैरमौजूदगी में वह कोच के रूप में दिखाई देते हैं।