Team India players: टीम इंडिया में खेलने वाले चार क्रिकेटर हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी के दौरान समाप्त हो गया है। चुनावकर्ता ने लगातार इन चार खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
टीम इंडिया से अचानक निकाले जाने के बाद भी, लोग अभी तक इन चारों खिलाड़ियों के साथ हुए व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने इन खिलाड़ियों को हमेशा नजरअंदाज किया, जिसके चलते उनका करियर धीमा रह गया। आइए इन चार दुर्भाग्यपूर्ण क्रिकेटरों की ओर एक नजर डालें:
अंबाती रायडू

भारतीय क्रिकेट टीम जिस वक्त 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड एंड वेल्स में विजय के सफर पर निकली थी, उस समय भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायडू ने संन्यास ले लिया था। असल में, 2019 वर्ल्ड कप के टीम चयन के वक्त चयनकर्ताओं ने अंबाती रायडू को कवर प्लेयर के रूप में चुना था। लेकिन पहले शिखर धवन के रिप्लेसमेंट के तौर पर ऋषभ पंत को इंग्लैंड बुलाया गया, फिर ऑलराउंडर विजय शंकर की इंजरी के बाद मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड से बुलाया गया।
अंबाती रायडू को लगातार दो बार नजरअंदाज कर दिया गया था। हालांकि, मयंक अग्रवाल को 2019 वर्ल्ड कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था, लेकिन वह 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा रहे थे। विराट कोहली ने उन्हें नजरअंदाज किया था, शायद इसी कारण उन्होंने संन्यास का फैसला लिया था।
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वरुण आरोन

भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज वरुण आरोन का क्रिकेट करियर अब अंत के कगार पर है। वरुण ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 63 मैचों में 167 विकेट लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन के बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल करने का फैसला किया लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें पर्याप्त मौके नहीं दिए।
उन्होंने साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था जहां उन्होंने 9 मैचों में 18 विकेट्स लिए थे। उन्होंने साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया था और 9 मैचों में 11 विकेट्स लिए थे। लेकिन, साल 2015 में भारतीय क्रिकेट टीम ने उन्हें ड्रॉप कर दिया था और अब तक उन्हें मौका नहीं मिल पाया है।
मनोज तिवारी

जब भी आप मनोज तिवारी का नाम सुनते हैं, तो आपके मन में भोजपुरी स्टार की तस्वीर आती होगी, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में इस नाम के एक खिलाड़ी ने भी अच्छा खेल दिखाया है। स्टार नाम के खिलाड़ी मनोज तिवारी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और टीम इंडिया में एंट्री कर ली थी। मनोज तिवारी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। इसके बाद, मनोज तिवारी ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया।
मनोज तिवारी ने 12 वनडे मैचों में गेंदबाजी करते हुए 26.09 की औसत से मात्र 287 रन ही बनाए जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 104 रन था। उन्होंने साल 2011 में टी-20 इंटरनेशनल में भी डेब्यू किया, लेकिन 3 मैचों में ही उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था। इसलिए आज के इस दौर में जब इतने कम उम्र के खिलाड़ी प्रतिभावान हो रहे हैं, इसलिए इस खिलाड़ी की टीम में वापसी होना नामुमकिन सा है।
अमित मिश्रा

भारतीय क्रिकेट टीम में अमित मिश्रा नाम का काफी चर्चा हुआ करता था। वह एक बेहतरीन लेग स्पिनर था जो बहुत अच्छी गेंदबाजी करता था, लेकिन उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उसे उस वक्त के मौके नहीं दिए जो अमित मिश्रा को मिलने चाहिए थे। अमित मिश्रा ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में गेंदबाजी की। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में अपना डेब्यू किया था जहां उसने 22 मैचों में 76 विकेट लिए।
साथ ही, उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू भी 2003 में किया था जहां उन्होंने 36 मैचों में 64 विकेट झटके। उन्होंने अपने 10 टी20 मैचों में 16 विकेट लिए। हालांकि, यह बात सच है कि अमित मिश्रा उन बदनसीब खिलाड़ियों में शामिल था जिन्हें कप्तानों ने पर्याप्त मौके नहीं दिए। इसके बावजूद, उन्होंने आखिरी वनडे सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता था। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते