T20 World Cup: टी20 वर्ल्ड कप शुरू होने में अब सिर्फ एक हफ्ते का समय ही बाकी रह गया है. 16 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में ICC के इस बड़े टूर्नामेंट की शुरुआत होगी. टी20 वर्ल्ड कप में भारत अपने अभियान की शुरुआत 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा.
3 ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से टीम इंडिया इस साल टी20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाएगी और उसके हाथ से वर्ल्ड चैम्पियन बनने का मौका छिन जाएगा.
आइए एक नजर डालते हैं उन 3 कारणों पर-पावरप्ले और डेथ ओवर्स में खराब गेंदबाजी टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी है, जिसकी वजह से उसका टी20 वर्ल्ड कप जीतना मुश्किल है. पिछले काफी समय से टीम इंडिया के गेंदबाज डेथ ओवर्स में काफी महंगे साबित हो रहे हैं.
हर्षल पटेल, भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह, युजवेंद्र चहल और रविचंद्रन अश्विन, ये ऐसे नाम हैं जिनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए कोई भी ये कह सकता है कि इस बार टीम इंडिया का टी20 वर्ल्ड कप जीतना मुमकिन नजर नहीं आता.
इन सभी गेंदबाजों का पावरप्ले और डेथ ओवर्स में बुरा हाल है. डेथ ओवर्स में खराब गेंदबाजी के चलते भारत को इस साल एशिया कप के फाइनल से बाहर होना पड़ा था.
ऐसे में अगर भारतीय टीम डेथ ओवर्स की गेंदबाजी में सुधार नहीं करती है, तो उसका टी20 वर्ल्ड कप जीतने का सपना चकनाचूर हो सकता है. अभी जिन तेज गेंदबाजों का भारतीय टीम में चयन हुआ है, उनमें से कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है, जो 140 से ज्यादा की स्पीड से लगातार गेंदबाजी कर सके.
भारत को ये कमी भारी पड़ सकती है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की पिचें तेज और सीम वाली होंगी. भारतीय टीम के स्पिनर्स रन तो रोक रहे हैं, लेकिन विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं
.2. खराब फील्डिंग और कैच टपकाना टीम इंडिया की फील्डिंग और कैचिंग पिछले कुछ समय से बहुत घटिया रही है. भारतीय फील्डरों ने मैदान पर कई कैच छोड़े हैं और कई बार एक्स्ट्रा रन भी दिए हैं.
एशिया कप हो, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज हो, या साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज हो, इन सभी मौकों पर फील्डिंग के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने कई अहम कैच ड्रॉप किए हैं. एशिया कप 2022 में तो अर्शदीप सिंह के एक कैच छोड़ने की वजह से भारत को फाइनल की दौड़ से बाहर होना पड़ा था.
पाकिस्तान के खिलाफ सुपर 4 के मैच में अर्शदीप सिंह ने आसिफ अली का कैच छोड़ दिया था, जिन्होंने फिर जीवनदान का फायदा उठाते हुए भारत को हार दे दी थी. भारत को टी20 वर्ल्ड कप में खराब फील्डिंग और कैच छोड़ना बहुत महंगा पड़ सकता है.