भारतीय क्रिकेट टीम ने आज से ठीक 10 साल पहले अपनी आखिरी आईसीसी ट्रॉफी जीती थी। 23 जून 2013 को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम ने इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। इस महत्वपूर्ण जीत ने भारत को विश्व क्रिकेट मानचित्र पर उच्च स्थान प्रदान किया था।
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भारतीय टीम का सपना हाथ से निकल गया
आईसीसी ट्रॉफी के करीब तक पहुंची है, लेकिन जीत का मज़ा नहीं ले पाई
इसके बाद से भारतीय टीम आईसीसी ट्रॉफी के करीब तक पहुंची है, लेकिन इसको जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है। भारत लगातार दो बार आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचा, लेकिन दोनों बार खिताबी मुकाबला हार गया। हाल में भारतीय टीम को डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में आर अश्विन को प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया गया था, जिसको लेकर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ की जमकर आलोचना भी हुई थी। आर अश्विन ने इस पूरे मुद्दे में रोहित, द्रविड़ का नाम लिए बिना टीम मैनेजमेंट पर निशाना साधा है।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में छाया जोशभरा माहौल
धोनी ने टीम में पॉजिटिविटी की रक्षा की
अश्विन ने इसके लिए उदाहरण दिया कि कैसे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम का माहौल पॉजिटिव रहा करता था। उन्होंने कहा, “उनकी लीडरशिप में, जिसमें मैं भी खेला, वह 15 सदस्यीय स्क्वॉड चुनते थे, और उसी 15 क्रिकेटरों में से साल भर प्लेइंग XI में खिलाड़ी शामिल हुआ करते थे। किसी भी खिलाड़ी के लिए सिक्योरिटी बहुत अहम होती है।” अश्विन ने इस दौरान विराट और रोहित की कप्तानी का जिक्र भले नहीं किया, लेकिन उनकी इन बातों से समझ आता है कि मौजूदा समय में खिलाड़ियों के बीच वह सिक्योरिटी वाली भावना नहीं रह गई है।