वनडे वर्ल्ड कप 1975 में पहली बार खेला गया था। तब से टीम इंडिया इसमें हिस्सा ले रही है। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत वर्ल्ड कप का खिताब भी अपने नाम किया। उसके बाद से देश में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल बन गया। एक से बढ़कर एक खिलाड़ी आने लगे। फिर 2011 में भी भारत वर्ल्ड चैंपियन बना। यानी 30 भारतीय खिलाड़ी वर्ल्ड कप जीत चुके हैं। लेकिन कुछ ऐसे में खिलाड़ी हैं जिन्होंने देश के लिए कमाल का प्रदर्शन किया लेकिन वर्ल्ड कप में खेलने तक का मौका नहीं मिला। आज हम आपको भारत के 5 ऐसे ही बदनसीब खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
अंबाती रायडू

वनडे में भारत के लिए अंबाती रायडू का रिकॉर्ड दमदार रहा है। 55 मैचों में उन्होंने 47 की औसत से रन बनाए हैं। उनका 2019 वर्ल्ड कप में खेलना पक्का था लेकिन जगह टीम का चयन हुआ तो उनकी जगह विजय शंकर को शामिल कर लिया गया। इससे निराश रायडू ने संन्यास ले लिया। उन्होंने संन्यास से वापसी की लेकिन फिर टीम इंडिया में नहीं आ पाए। 2015 में वह वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा थे लेकिन एक भी मैच खेलने को नहीं मिला।
ईशांत शर्मा

ईशांत शर्मा टेस्ट में भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में शामिल हैं। वनडे में भी उन्हें 80 मैच खेलने का मौका मिला। 2015 वर्ल्ड कप की टीम में ईशांत को चुना भी गया था। लेकिन चोट की वजह से वह टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही बाहर हो गए। 2016 के बाद उन्हें फिर वनडे फॉर्मेट में खेलने का मौका नहीं मिला।
वीवीएस लक्ष्मण

भारतीय क्रिकेट इतिहास में वीवीएस लक्ष्मण का अलग ही दर्जा है। उन्होंने टेस्ट में कई मुश्किल परिस्थिति से टीम को जीत दिलाई है। वनडे में भी उन्होंने 86 मैच में 6 शतक ठोके हैं। वर्ल्ड कप 2003 में उनका चुना जाना तय माना जा रहा था लेकिन चयनकर्ताओं ने ऑलराउंडर दिनेश मोंगिया को मौका दे दिया। यह भारत के वर्ल्ड कप इतिहास के सबसे विवादित फैसलों में गिना जाता है।
इरफान पठान

इरफान पठान वनडे में कई सालों तक भारत के प्रमुख खिलाड़ी थे। बाएं हाथ के स्विंग गेंदबाज होने के साथ ही वह बल्ले से भी कमाल करने की क्षमता रखते थे। 120 वनडे में पठान ने भारत के लिए 173 विकेट लेने के साथ ही 1544 रन भी बनाए। 2007 वर्ल्ड कप में पठान टीम इंडिया का हिस्सा थे लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला। टीम ग्रुप राउंड में भी श्रीलंका और बांग्लादेश से हारकर बाहर हो गई थी।
चेतेश्वर पुजारा

चेतेश्वर पुजारा नई जनरेशन के शायद एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं जो सिर्फ टेस्ट मैच ही खेलते हैं। भारत के लिए 5 वनडे में पुजारा ने सिर्फ 10 की औसत से 51 रन बनाए। उनका सबसे बड़ा स्कोर 27 रन रहा। 2014 में आखिरी वनडे खेलने वाले पुजारा 100 से ज्यादा टेस्ट खेल चुके हैं। घरेलू क्रिकेट में अच्छे रिकॉर्ड के बाद भी फिर टीम में उनकी वापसी नहीं हो पाई।